अर्थशास्त्र से आप क्या समझते है ?
अर्थशास्त्र ज्ञान की वह शाखा है जिसमे मनुष्यों की उन गतिविधियों का अध्ययन किया जाता है जिन्हे वे दुर्लभ अथवा सीमित साधनों (अर्थात् धन) को प्राप्त करने के लिए प्रयोग करते है जिससे वे अपनी असीमित आवश्यकताओं को सन्तुष्ट कर सकें। अतः इस प्रकार अर्थशास्त्र शब्द का अर्थ धन से संबंधित मानवीय गतिविधियों के अध्ययन करने से लगाया जाता है। अर्थशास्त्र उस मानवीय व्यवहार का विज्ञान है जिसका संबंध सीमित साधनों का विभाजन इस ढंग से करना है जिससे कि उपभोक्ता अपनी सन्तुष्टि को अधिकतम कर सकें, उत्पादक अपने लाभ को अधिकतम कर सके। और समाज अपने सामाजिक कल्याण को अधिकतम कर सकें।
अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। अर्थशास्त्र दो शब्दो से मिलकर बना है अर्थ (धन) और शास्त्र, जिसका शाब्दिक अर्थ है - धन का अध्ययन। किसी विषय के संबंध में मनुष्यों के कार्यो के क्रमबद्ध ज्ञान को उस विषय का शास्त्र कहते हैं, इसलिए अर्थशास्त्र में मनुष्यों के अर्थ संबंधी कायों का क्रमबद्ध ज्ञान होना आवश्यक है।
धन का दृष्टिकोण:- एडम स्मिथ-
यह दृष्टिकोण अर्थशास्त्र के प्रतिष्ठित परिप्रेक्ष्य का प्रतिनिधित्व करता है। एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक माना जाता है और उनकी प्रमुख पुस्तक An inquiry into the nature and the causes of the Wealth of Nations 1776 जिसमे यह बताया कि सभी आर्थिक गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक धन अर्जित करना है। उन्होने बताया कि अर्थशास्त्र मुख्य रूप से धन के उत्पादन और विस्तार से संबंधित है। इसके अलावा, इस परिभाषा को विभिन्न शास्त्रीय अर्थशास्त्रियों, जैसे जे.बी.से, डेविड रिकार्डो, नासाउ सीनियर, और एफ वाकर द्वारा अनुसरण किया गया था।
कल्याण का दृष्टिकोण :डॉ॰ मार्शल
डॉ॰ मार्शल ने 1890 में प्रकाशित अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र के सिद्धान्त ¼Principles of Economics½में अर्थशास्त्र की कल्याण सम्बन्धी परिभाषा देकर इसको लोकप्रिय बना दिया।
अर्थशास्त्र मनुष्य जीवन की साधारण व्यापार संबंधी, क्रियाओं का अध्ययन करता है। यह मनुष्य की उन व्यक्तिगत तथा सामाजिक क्रियाओं का अध्ययन करता है जिनका भौतिक साधनों को प्राप्त करने से तथा उनके उपयोग से घनिष्ठ संबंध है, जो मानव कल्याण के लिए आवश्यक है। इस तरह यह एक तरफ धन का अध्ययन करता है और दूसरी तरफ जो अधिक महत्वपूर्ण है यह मनुष्य के कल्याण का अध्ययन का एक भाग है। प्रो. मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र में मानव की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जो कल्याणकारी हों। वे क्रियाएं जिनका धन से संबंध नहीं है, अर्थशास्त्र के विषय-क्षेत्र में नहीं आती हैं।